8:03 am Saturday , 19 April 2025
ब्रेकिंग न्यूज़
oplus_1024

विकल होइ जब कपि के मारे तब जानेसि निसिचर संहारे ।

रामलीला में कुंभकर्ण ने मांगा निद्रासन और विभीषण ने प्रभु भक्ति का वरदान

बिल्सी
मेला ग्राउंड पर गोशाला रामलीला कमेटी के तत्वावधान में रामलीला मेले में भगवान राम की आरती डॉ श्री कृष्ण गुप्ता एवं संजीव वार्ष्णेय डीआर ने उतारकर लीला के मंचन का शुभारंभ किया ।
मंचन में कलाकारों ने दिखाया कि रावण, कुंभकर्ण व विभीषण ने ब्रह्मा जी से इच्छित वरदान पाने के लिए जंगल में उनकी आराधना शुरू कर दी। इससे प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी प्रकट होते हैं। रावण द्वारा अमरत्व का वरदान मागे जाने पर उन्होंने बड़ी ही चतुराई से वरदान दिया। कहा नर-बानर को छोड़ तुम्हें कोई भी नहीं मार सकता है। परम पिता ब्रह्मा जी द्वारा कुंभकर्ण को छ: माह सोने व एक दिन जागने का वरदान मिलता है। जब विभीषण की बारी आती है तो दर्शकों की निगाहें उनकी ओर टिक जाती है। विभीषण के मुख से यह सुनते ही कि न इच्छा है धनधान की न इच्छा है संतान की, बस एक ही इच्छा है प्रभु चरणों के सम्मान की। इस पर श्रद्धालुओं की तालिया एक साथ बज उठीं।ब्रह्मा जी द्वारा रावण, कुंभकर्ण व विभीषण को वरदान देने, रावण-मंदोदरी विवाह, मेघनाद द्वारा देवताओं को बंदी बनाए जाने के प्रसंग का सजीव मंचन कर हजारों दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। राक्षसी लंकिनी ने जब ब्रह्मा जी से यह वरदान मागा कि हे! ब्रह्मादेव यदि वरदान देना ही है तो यही दीजिए कि जब राक्षसों का अंत होने को हो तो मुझे पहले ही पता चल जाय। ब्रह्मा जी ने कहा कि विकल होइ जब कपि के मारे तब जानेसि निसिचर संहारे।

About Samrat 24

Check Also

लूट की फर्जी सूचना देने वाले 02 अभियुक्तगण गिरफ्तार । कथित लूट की धनराशि रु0 11 लाख बरामद

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बदायूँ डॉ0 बृजेश कुमार सिंह द्वारा जनपद में अपराध की रोकथाम व …