*शारदीय नवरात्र षष्ठ दिवस माता कात्यायनी*
*छटा स्वरूप मां कात्यायनी*
*विक्रम संवत 2081 छठा दिवस माता कात्यायनी को समर्पित होता है नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के स्वरूप माता कात्यायनी की पूजा की जाती है मान्यता है मां कात्यायनी की पूजा करने से शादी में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और भगवान बृहस्पति प्रसन्न होकर विवाह का योग बनाते हैं यहां तक यह भी कहा जाता है कि यदि सच्चे मन से मां की आराधना की जाए तो वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनी रहती है देवी भागवत पुराण के अनुसार मां कात्यायनी की उपासना से भक्तों को अपने आप आज्ञा चक्र जाग्रति की सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं और उसके रोग शोक संताप और भय नष्ट हो जाते हैं मान्यता के अनुसार महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदि शक्ति ने उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया इसलिए इनको कात्यायनी कहा जाता है मां कात्यानी को ब्रज की पूज्य देवी माना गया है पौराणिक मान्यता के अनुसार गोपियों ने श्री कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए यमुना नदी के तट पर मां कात्यानी की ही पूजा की थी कहते हैं मां कात्यानी ने अत्याचारी राक्षस महिषासुर का वध कर तीनों लोकों को उसके आतंक से मुक्त कराया था मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला और भव्य है इनकी चार भुजाएं हैं मां कात्यायनी के दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में है और नीचे वाला वर मुद्रा में है बाई ओर के ऊपर वाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है मां कात्यायनी सिंह की सवारी करती हैं /*
*मां कात्यानी को लाल रंग बहुत पसंद है एवं शहद का भोग पाकर बहुत प्रसन्नता को अनुभूत करती हैं /*
*आराधना मंत्र*
*या देवी सर्वभूतेषु कात्यानी रूपेण संस्थिता/*
*नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः /*
*बीज मंत्र*
*ॐ दुर्गे दुर्गतिनाशिनी नमः l*
*राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य*
*9058810022*