*शारदीय नवरात्र सप्तम दिवस माता कालरात्रि*
*सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि*
*विक्रम संवत 2081 सप्तम दिवस नवरात्र का सप्तम दिवस माता कालरात्रि को समर्पित है मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है लेकिन यह सदैव शुभ फल ही देने वाली है इसी कारण इनका एक नाम शुंभकरी भी है/ उनके साक्षात्कार से मिलने वाले पुण्य का वह भागी हो जाता है दानव दैत्य राक्षस भूत प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं यह ग्रह बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की आराधना की जाती है इस दिन साधक का मन सहस्त्रार चक्र में होता है मां के स्वरूप को अपने हृदय में अवस्थित कर साधक को एक निष्ठा भाव से उनकी आराधना करनी चाहिए/*
*मां कालरात्रि को गुण बेहद प्रिय है मां को गुड़ का भोग लगाकर अर्पित करना चाहिए एवं सब को प्रसाद रूप में वितरण करना चाहिए जिससे परिवार में सभी का स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा साथ ही मां की आराधना के लिए यदि चमेली के पुष्प मिल सके तो उन्हीं को ही मां को समर्पित करना चाहिए/*
*आराधना मंत्र*
*ॐ ऐ ही कली चामुंडाय विच्चे नमः l*
*बीज मंत्र*
*ॐ कालरात्रि देवय नमः/* *उपासना मंत्र*
*ॐ दुर्गेदुर्गति शमनी नमःl*
*आचार्य सोहम शर्मा*
*9058810022*