5:26 am Wednesday , 16 April 2025
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राजकीय महाविद्यालय बदायूं में आयोजित हुआ एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार


राजकीय महाविद्यालय बदायूं के इतिहास विभाग के निर्देशन में एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन भारत की सांस्कृतिक विरासत विषय पर किया गया । माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के भारत और विश्व गुरु बनने की पहल से प्रेरित एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के अंतर्गत इतिहास विभाग द्वारा आयोजित सेमिनार में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर नरेंद्र कुमार बत्रा , राजकीय महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉo राजधान एवं विश्वविद्यालय से मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉo प्रिया सक्सेना ने दीप प्रज्वलन कर मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष माल्यार्पण कर परंपरागत तरीके से एकदिवसीय सेमिनार का उद्घाटन किया.
इतिहास विषय के प्रोफेसर और सेमिनर के सचिव डॉo संजय कुमार अन्य सेमिनार के विषय की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें अपने अतीत में समाहित संस्कृति के मूल तत्वों को आत्मसात कर अपने भविष्य को बेहतर बनाने का निरंतर प्रयास करते रहना है यह सेमिनार भी इसी दिशा में एक सार्थक पहल है इसके माध्यम से हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना पड़ेगा। डॉ राजधानी ने आशीर्वचन देते हुए ऐतिहासिक परंपराओं में भाषाई परंपरा को आत्मसात कर उनको परिष्कृत एवं परिमार्जित करने की दिशा में प्रकाश डालते हुए हमें आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दी। हाईब्रिड मोड में संचालित सेमिनर में ऑनलाइन जुड़ने बाली गेस्ट of ऑनर राजकीय पीजी कॉलेज राजाजीपुरम लखनऊ से इतिहास विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर प्रीति वाजपेई ने अपने उद्बोधन में भारत सरकार की ओर से अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित एवं सुरक्षित रखे जाने के प्रयासों पर विस्तृत एवं वृहद प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के निर्देशन में महत्वपूर्ण पूरा सामग्री को आधुनिक तरीके से केमिकल के माध्यम से संरक्षित एवं सुरक्षित रखने के साथ-साथ पूरा मूर्तियों के 3D मॉडल को परिष्कृत कर सभी को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के प्रयास लगातार चल रहे हैं। राजकीय पीजी महाविद्यालय बदलपुर गौतम बुद्ध नगर से कार्यक्रम को उद्बोधित करते हुए इतिहास विभाग के विभाग अध्यक्ष एवं पोलैंड में भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रसार प्रसार में लगभग 2 वर्ष व्यतीत करने वाले डॉक्टर किशोर कुमार ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इतिहास के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रयासों की तारीफ करते हुए एक नया शब्द विश्व मित्र की चर्चा करते हुए बताया कि भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत को और पुष्पित एवं पल्लवित करने के लिए सर्वधर्म समभाव विश्व बंधुत्व जैसे विचारों को बढ़ाने के लिए अपने को आदर्श रूप में विश्वामित्र के रूप में प्रस्तुत कर रहा है जो भारत की जड़ों एवं मूल भावना के अनुरूप विश्व गुरु बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
कार्यक्रम की की नोट स्पीकर विश्वविद्यालय की इतिहास एवं संस्कृति विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर प्रिया सक्सेना ने बदायूं एवं क्षेत्र के पुरातात्विक इतिहास पर प्रकाश डालते हुए पांचाल के इतिहास को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने बताया कि पांचाल का इतिहास न केवल भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण था बल्कि कला की दृष्टि से उत्कृष्ट प्रकार की मूर्तियां ,सिक्के, बर्तन इत्यादि का निर्माण बहुत परिष्कृत तरीके से किया जाता था फैशन में भी पांचाल प्राचीन काल से ही अपनी आमिठ छाप रखता है पांचाल क्षेत्र से प्राप्त मृण मूर्तियां एवं मूर्तियों से स्पष्ट प्रमाण मिलते हैं यहां के निवासी बालों को सजाने सवारने और विविध प्रकार से अपने आप को आकर्षित दिखाने के लिए कई प्रकार के संसाधनों का इस्तेमाल किया करते थे बदायूं परिक्षेत्र न केवल पांचाल का महत्वपूर्ण अंग था बल्कि भारतीय इतिहास में एक मील का पत्थर भी रहा है इसी गंगा जमुनी तहजीब में वेदों का संकलन हुआ और भारतीय इतिहास को नई दिशा भी प्राप्त हुई। अध्यक्ष उद्बोधन में बोलते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ नरेंद्र कुमार बत्रा ने जोर देते हुए कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को सबसे पहले तो समझने की आवश्यकता है अगर हम भली प्रकार से रीति रिवाज संस्कारों को समझ जाने में सफल होते हैं तभी सांस्कृतिक विरासत को आगे ले जाने में सक्षम होंगे वर्तमान पीढ़ी पर यह बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि वह सीखे हुए परिष्कृत ज्ञान को आत्मसात कर भविष्य की पीढ़ी तक पहुंचने में आधार स्तंभ के रूप में अपने आप को डालें यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम इस ज्ञान के प्रकाश को और प्रकाशित करें। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ रविंद्र कुमार यादव ने दिया इस अवसर पर अपने शोध पत्रों को प्रस्तुत करते हुए इतिहास विषय के शोध छात्र शिवम सक्सेना एवं नदीम अहमद ने क्रमशः बौद्ध धर्म एवं संस्कृति के वाहक अंग्रेजी शासन काल में अंग्रेजी शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला कार्यक्रम का संचालन विभाग प्रभारी डॉo अनिल कुमार ने किया। इस अवसर पर चीफ प्रॉक्टर डॉo बबिता यादव , डॉo सतीश सिंह यादव , डॉo हुकुम सिंह, डॉoसारिका शर्मा , डॉo ज्योति विश्नोई, उर्दू विभाग के डॉo जुनैद आलम अजय प्रताप , वंशिका रस्तोगी , तम्मन्ना,विपिन कुमार, निखिल चौहान, आदि सभी मौजूद रहे

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