बिल्सी- यज्ञतीर्थ गुधनी में स्थित प्रज्ञा यज्ञ मंदिर में आर्य समाज का साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया । वैदिक विदुषी कु० तृप्ति शास्त्री ने सामवेद के पवित्र मंत्रों से यज्ञ कराया । अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा ” ” सोने की चिड़िया विश्व गुरु भारत वर्ष लगभग एक हजार वर्ष गुलाम रहा, इसलिए नहीं कि मुगल आक्रान्ता या अंग्रेज बहुत ताकतवर थे गुलाम इसलिए हुआ कि हम आपस में बँटे हुए थे ! जिस देश का प्रत्येक व्यक्ति अपने देश का पहरेदार होता है सिपाही की तरह होता है वह देश सुरक्षित व ताकतवर होता है ! मत मजहब और पूजा पाठ से बड़ा राष्ट्र धर्म होता है ! जो जाति संगठित नहीं रहती वह एक दिन मिट जाती है ! एक रहेंगे तो सदा सुखी रहेंगे !
मास्टर प्रश्रय आर्य ने सुन्दर भजन गाया ” आदत बुरी सुधार लो बस हो गया भजन ! इस अवसर पर मास्टर अगरपात सिंह , साहब सिंह , राकेश आर्य ‘ भावना आर्य, अंजलि आर्य, कु तानिया , संतोष कुमारी आदि मौजूद रहे !
संवाददाता देव ठाकुर