बिल्सी- इस्लामनगर के आर्य समाज आर्यनगर में तीन दिवसीय 135वें वार्षिक उत्सव का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया गया। इस अवसर पर देशभर के ख्याति प्राप्त विद्वान और संत श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करने के लिए पहुंचे।उत्सव का शुभारंभ और मुख्य अतिथि
कार्यक्रम में जयपुर से पधारे क्रांतिकारी संत स्वामी सच्चिदानंद महाराज, मेरठ से वैदिक भजन उपदेशक संदीप आर्य, दिल्ली से वैदिक विदुषी आचार्य दीप्ति आर्य, और यज्ञ तीर्थ गुधनी के वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने अपने उपदेश और प्रवचनों से श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन किया।
आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के प्रधान देवेंद्र पाल वर्मा ने अपने संबोधन में कहा, “आर्य समाज समाज के सभी लोगों की भलाई के लिए कार्य करता है।” उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्वास और नारी जाति के प्रति भेदभाव को खत्म करने पर जोर दिया। महत्वपूर्ण संदेश और उपदेश
स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने कहा, “मजहब के नाम पर देश को बांटने और डराने वाले इंसान नहीं, बल्कि शैतान होते हैं। वेद ही एकमात्र ऐसा धर्म है जो सबके लिए समानता और सर्वांगीण विकास का द्वार खोलता है।” उन्होंने जातिवाद, पर्दा प्रथा और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को देश की पतनशीलता का कारण बताया।
