Archana Upadhyay ये कोरा काग़ज़ भी तो तरसता है कलम को।। हर एक हर्फ़ लिखी जाती है तेरे नाम को।
ये कोरा काग़ज़ – Archana Upadhyay Samrat 24 December 8, 2024 Archana Upadhyay ये कोरा काग़ज़ भी तो तरसता है कलम को।। हर एक हर्फ़ लिखी जाती है तेरे नाम को।