बिसौली। नगर के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में श्री सीताराम विवाह का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। भगवान के विवाह का वर्णन कथा व्यास रमेश चंद द्वारा महिलाओं पुरुषों ने बधाई गीत व पारंपरिक लोक गीत गाए।
कथा व्यास रमेश चंद ने श्रीराम सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा महाराजाओं को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्रीराम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया इसके बाद धूमधाम से सीताराम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभु राम को वरमाला डाली, वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे। अंत में श्री रामकृष्ण सेवा समिति के संयोजक संजय कुमार अग्रवाल ने नगर वासियों का आभार व्यक्त किया। भगवान के विवाह में उपहार स्वरूप आभूषण वितरित किए गए। प्रसाद वितरण के साथ विवाह कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर सुरेंद्र कुमार अग्रवाल, मिथिलेश अग्रवाल, विनीता वार्ष्णेय, पुष्पेंद्र आर्य, मधु शर्मा, सुमन अग्रवाल, आलोक गर्ग, राजीव अग्रवाल, अंकित अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, स्वयं गुप्ता, शिवकांत शर्मा, हर्षित वार्ष्णेय, कुलदीप सक्सेना, निलेश यादव, परमानंद, जगदीश, विपिन, रामपाल, सीमा अग्रवाल, सोहेल अग्रवाल, निशांत अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, चंद्रपाल शर्मा, सोना शर्मा, सुमन शर्मा, इंद्रेश गुप्ता, सृष्टि शर्मा, कपिल आनंद, धर्मपाल आनंद, उर्मिला अग्रवाल, राधिका, पंडित महेश चंद द्विवेदी, प्रेरणा, मोनिका आदि उपस्थित रहे।
