बदायूं: थाना क्षेत्र के गांव मोंगर ,बाबट ,चकोलर ,करौतिया में मिट्टी बेचने का धंधा जोरों पर चल रहा है मिली जानकारी के अनुसार खनन माफिया परमीशन के नाम पर खेल कर रहे हैं जहां वह एक ट्रेक्टर ट्राली की परमिशन बनवा कर दो से तीन ट्रेक्टर तक चला रहे है पूरा खेल खनन अधिकारी की मिलीभगत से किया जा रहा है।खनन माफिया परमीशन बनवाने के दौरान खेत का इंतखाब लगाते हैं जो किसी अन्य किसान का होता है उसमें कई सहखातेदार होते हैं ऐसे में न तो उन सहखातेदारों की कोई सहमति ली जाती है और न ही उनका कोई आधार कार्ड पूरा खेल खनन आफिस में बैठे बाबू के द्वारा किया जाता है ।सूत्रों के अनुसार खनन माफियाओं से मोटी रकम लेकर परमीशन को खनिज विभाग के पोर्टल पर अपलोड कराकर खनन अधिकारी की मोहर लगाकर हस्ताक्षर कर दिए जाते हैं । जबकि आदेश है कि किसान अपने खेत से ,अपने ट्रेक्टर ट्राली से मिट्टी उठाकर अपने प्लाट में ही डाल सकता है लेकिन खनन माफिया खेतों से मिट्टी उठाकर कस्बे से लेकर गांवों में बेचने का कार्य कर रहे हैं । जहां एक ट्राली मिट्टी आठ सौ से एक हजार रुपए में बेची जा रही है ।खनन माफिया परमीशन लाकर पुलिस को देते हैं इस दौरान थाना पुलिस भी उनसे अपना सुविधा शुल्क लिए बिना नहीं चूकती हैं फिर खनन माफिया खेतों से मिट्टी उठाकर रोड पर धड़ल्ले से फर्राटा भरते नजर आते हैं ऐसे में न तो ट्रेक्टर चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस होता है और न ही पालुशन यहां तक की नाबालिग भी मिट्टी लदी ट्राली को दौड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्हें रोड पर हादसे का कोई डर नहीं है पुलिस भी उन्हें नहीं रोकती है ।थाने के सामने से भी मिट्टी भरी ट्रालियां बेरोकटोक फर्राटे भरती रहती हैं । सोमवार को हरिनगला से मिट्टी भरकर आ रही एक ट्रेक्टर ट्राली को पुलिस ने पकड़ लिया और थाने लाकर उसको सीज कर दिया।। जबकि चकोलर में तीन , मोगर में तीन ट्रालियां चल रही है । चर्चा है कि पुलिस बिना सुविधा शुल्क लिए ट्रालियां नहीं चलने देती है । इस संबंध खनन अधिकारी बृजबिहारी का कहना है कि कुंवर गांव पुलिस ने मिट्टी लदी ट्राली को पकड़ा है इस संबंध में हमें पुलिस ने कोई सूचना नहीं दी है जानकारी करते हैं। उसके बाद कार्यवाही की जाएगी ।
