साइबर अपराध : यूपी पुलिस का हथियार बनेंगे डिजिटल वॉरियर, महाकुंभ में श्रद्धालुओं की करेंगे मददपुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि साइबर अपराध और फेक न्यूज को रोकने के अभियान को नया और मूल रूप दिया जाएगा। इसके लिए एक नया प्रयोग किया जा रहा है। राज्य में अब डिजिटल वॉरियर बनाए जायेंगे।साइबर अपराधी नए-नए तरीके से लोगों को लूट रहे हैं। आम से लेकर खास तक इनके निशाने पर हैं। पुलिस के लिए भी साइबर क्राइम बड़ी चुनौती बन गया है। हालांकि, पुलिस लोगों को साइबर अपराध से बचने के लिए समय-समय पर जानकारी देती रहती है। लेकिन इसके बावजूद लोग साइबर अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं। साइबर अपराध और अफवाहों को रोकने के लिए यूपी पुलिस अब एक और प्रयोग करने जा रही है। इसके लिए सूबे में डिजिटल वॉरियर बनाए जाएंगे।
पंजीकरण किया जाएगा शुरु
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने शनिवार को बताया कि साइबर अपराध और फेक न्यूज को रोकने के अभियान को नया और मूल रूप दिया जाएगा। इसके लिए एक नया प्रयोग किया जा रहा है। राज्य में अब डिजिटल वॉरियर बनाए जायेंगे। इसके लिए पंजीकरण भी कराया जाएगा। डीजीपी ने बताया कि जनता को अफवाहों से बचाने के लिये 2018 में डिजिटल वालंटियर बनाए गए थे। लेकिन समय के साथ व्हाट्सएप के अलावा अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म तक पुलिस की पहुंच सीमित रही गई। अब डिजिटल वॉलंटियर्स को ‘डिजिटल वॉरियर’ के रूप में नई पहचान दी जाएगी।स्कूल-कॉलेज में साइबर क्लब की होगी स्थापना
पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि स्कूल और कॉलेज में साइबर क्लब की स्थापना का प्रयास किया जा रहा है। वहां गूगल फार्म भरवाया जाएगा। साइबर क्लब में वर्कशाप करवाई जाएंगी। इसके माध्यम से साइबर अपराध और अफवाहों को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। युवाओं के नए-नए विचारों को भी सुना जाएगा। डीजीपी ने बताया कि महाकुंभ की आवश्यकताओं को देखते हुए भी ये सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इस बार महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में उन्हें साइबर अपराध से बचाने के लिए डिजिटल वॉरियर्स का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस अपनी पहुंच को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म तक भी बढ़ा रही है। ताकि साइबर अपराध और अफवाहों के खिलाफ ज्यादा प्रभावी कार्रवाई की जा सके। जल्द ही इस संबंध में युद्ध स्तर पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
