सहसवान (बदायूं) दहगवां ब्लॉक के अंतर्गत स्थित ग्राम पंचायत बैरपुर मानपुर मैं संचालित अस्थाई गौशाला के हालात बेहद चिंता जनक हैं यहां गोवंश की स्थिति देखकर किसी का भी दिल दहल सकता है। गौशाला में ना तो उचित आहार उपलब्ध है और नहीं उचित देखभाल कि जा रही है। यहां के गोवंश एक-एक तिनका बिन बिन कर खाने को मजबूर हैं। यहां के गोवंश सूखी घास चर करके ही गुजारा कर रहे हैं जिससे गोवंशों का पेट भी ठीक से नहीं भर पा रहा है। इसके कारण वे कमजोर हो रहे हैं और कई गोवंशों की हालत तो इतनी खराब हो चुकी है कि वे मारणासत्र अवस्था में पड़े हुए हैं। हालात की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है। की गौशाला में गोवंश बीमार और मारणासत्र अवस्था में मिले। इसमें एक गोवंश को तो जिंदा गड्ढे में फेंक दिया गया था जो तड़प रही थी। इस अमानवीयता का वीडियो और फोटो भी सार्वजनिक हो चुका है। सवाल यह उठता है कि इस प्रकार की निर्दयता कैसे हो सकती है क्या यह स्थिति किसी भी इंसान के लिए स्वीकार है। बावजूद इसके गौशाला कि अनियमितताओं की शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से की जा चुकी है। लेकिन ग्राम प्रधान और सचिव पर किसी भी प्रकार की कोई भी कार्रवाई नहीं की गई । नतीजतन जिम्मेदार लोग अपनी मनमानी तरीके से गोवंशों को ठंड में मरने के लिए मजबूर कर रहे हैं। गौशाला में ऐसी स्थितियां केवल बैरपुर मानपुर तक सीमित नहीं है। बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी यह समस्या व्यापक रूप से पाई जा रही है। आखिरकार बदायूं के जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहे हैं। गौशाला में केवल दिखावे के लिए भूसा और अन्य सामग्री रखी जाती है।
कागजों में ही गोवंशों को पर्याप्त भोजन और देखभाल मिल रही है। जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही हैं। भीषण ठंड के बीच कोई भी जिम्मेदार अधिकारी गौशाला की स्थिति का निरीक्षण करने नहीं पहुंच रहा है। यह सवाल उठता है कि आखिर क्यों अधिकारी माननीय मुख्यमंत्री के आदेशों को नजर अंदाज कर रहे हैं। क्या इस प्रकार की लापरवाही के बावजूद जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई होगी। या फिर आपसी तालमेल बनाकर मामले को रफा- दफा कर दिया जाए। अब यह देखना होगा कि इन परिस्थितियों के मद्देनजर संबंधित ग्राम प्रधान श्रीमान मुंनतियाज और सचिव पर क्या कार्रवाई की जाती है। और क्या सरकारी योजनाओं का सही तरीके से पालन होता है या नहीं l
