सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए फार्मर रजिस्ट्री की अनिवार्यता किसानों के लिए सिरदर्द बन गई है। दरअसल, रजिस्ट्री के पोर्टल का सर्वर लगातार ठप चल रहा है। घंटों-घंटों तक जनसेवा केंद्रों पर किसान सर्वर चालू होने का इंतजार करने को मजबूर हैं। लेकिन, उन्हें निराशा हाथ लग रही है। उधर, आधार संशोधन भी समय पर नहीं हो पा रहा है। पोस्ट आफिस और बैंकों के बाहर किसानों की लाइन लग रही है, लेकिन गिने चुने लोगों को ही सुविधा मिल पा रही है। सभी को किसान सम्मान निधि के साथ अन्य विभागीय सुविधाएं मिल रही हैं। लेकिन, दो माह पहले किसानों के लिए फार्मर रजिस्ट्री को अनिवार्य कर दिया गया है। पूर्व में तो किसान इतने सजग नहीं दिखाई दिए, लेकिन योजनाओं का लाभ में मिलने में अड़चन पैदा होने के डर से किसान अब जागरूक हो गए हैं।
शनिवार को बदायूं ,बिसोली, सहसवान, उझानी, बिनावर ,में किसान फार्मर रजिस्ट्री कराने को परेशान नजर आए। सभी जगह सर्वर ठप रहा। घंटों तक किसान सर्वर चलने का इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। आधी रात के बाद कुछ देर के लिए चल रहा पोर्टल सर्वर ठप होना किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
जनसेवा केंद्र संचालको में रामेश्वर ,पुष्पेंद्र ने बताया कि सुबह ही किसान फार्मर रजिस्ट्री के लिए पहुंच जाते हैं, लेकिन सर्वर ठप हो जाता है। यह स्थिति पिछले कई दिनों से बनी हुई है। कई किसानों के दस्तावेज उनके पास रहते हैं, ऐसे में वह रात में भी रजिस्ट्री करते हैं, लेकिन मध्य रात्रि दो बजे के बाद ही सर्वर चालू हो पाता है। वह भी कुछ घंटे के लिए। बताया कि पोर्टल की क्षमता से अधिक आवेदन प्रति मिनट होने की वजह से सर्वर धड़ाम हो रहा है। यही नहीं आधार कार्ड में जरूरी संशोधन, मोबाइल नंबर सीडिंग, खतौनी व आधार के नामों में अंतर आदि दिक्कतों की वजह भी फार्मर रजिस्ट्री में सुस्ती की वजह हैं। चाहकर भी किसान आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
किसानों को विभिन्न विभागों की लाभार्थी परक योजनाओं में लाभ मिलेगा। सभी गाटों की कृषि भूमि का ब्योरा फार्मर रजिस्ट्री में ऑनलाइन दिखने से बैंक में किसान क्रेडिट कार्ड बनाना आसान होगा। धान, गेहूं व मोटे अनाज की बिक्री और पशुपालन, उद्यान, मत्स्य पालन व उद्योग आदि अनुदान सीधे बैंक खाता में भुगतान की सहूलियत होगी। आधार कार्ड में संशोधन नहीं होने की वजह से किसानों की फार्मर रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है, जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि दिनभर आधार कार्ड में संशोधन कराने के लिए आधार केंद्रों के बाहर लाइन लगाकर खड़े रहते हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। किसानों के आधार कार्ड में नाम में त्रुटि होने की वजह से फार्मर रजिस्ट्री में बाधा उत्पन्न हो रही है। आधार कार्ड में संशोधन कराने के लिए आधार केंद्राें पर जाते हैं तो वहां तीन से चार माह का समय मिल रहा है। ऐसे में यदि शीघ्र ही फार्मर रजिस्ट्री नहीं होती है तो किसान सम्मान निधि के लाभ से वंचित रह सकते हैं। बिनावर निवासी दीपक कुमार का कहना है कि फर्द में नाम में त्रुटि है। जिस कारण फार्मर रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। जनसेवा केंद्र संचालक ने बताया कि पोर्टल पर प्रति मिनट आवेदनों की भरमार है। इसकी वजह से फार्मर रजिस्ट्री सर्वर ठप हो रहा है। फार्म भरने पर किसान के आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर दो बार ओटीपी आता है। फार्म पर पूरा ब्योरा भरने के बाद ई-साइन करने पर आवेदन रिजेक्ट हो जाता है। किसान केवाईसी के लिए कड़ाके की सर्दी में चक्कर लगा रहे हैं। साइट नहीं चलने के कारण केवाईसी नहीं हो रही है। वह नगर में आकर रोजाना बैरंग लौट जाते हैं। आधार और फर्द में त्रुटि की वजह से कई किसानों की फार्मर रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। जिससे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, सर्वर ठप चल रहा है। सुबह से लेकर दोपहर तक इंतजार करने के बाद भी निराशा हाथ लग रही है। नामों में त्रुटि खुद लेखपाल करते हैं और इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। फार्मर रजिस्ट्री में भी इसी वजह से अड़चन पैदा हो रही है। वहीं, सर्वर भी ठप है।
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