महाकुंभ की कभी न खत्म होने वाली आस्था और उसके साथ वैसा ही महसूस कराती कभी न खत्म होने वाली करोड़ों श्रृद्धालुओं की भीड़। कल शाही स्नान को लेकर प्रसाशन के भी ठंड में पसीने छूट रहे हैं। प्रयागराज की गलियों सहित घाट पर तिल रखने को जगह नहीं दिखाई देती। श्रृद्धालु दस से 15 किलोमीटर पैदल चलकर त्रिवेणी में स्नान कर पा रहे हैं। हर कोई यही जानना चाह रहा है कि महाकुंभ के लिए कब जाना सही होगा? कहां से जाना सही होगा? कहां पर रुकना सही होगा? इतना ही नहीं त्रिवेणी में स्नान करने के बाद लोग अयोध्या और काशी की ओर जा रहे हैं, जिससे इन दो शहरों पर भी भीड़ का काफी दवाब नजर आ रहा है।
आप भी अगर महाकुंभ में स्नान के बाद काशी या अयोध्या जाना चाह रहे हैं तो अभी थोड़ा रुकना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।