किसान राजेश कुमार पूर्वी चंपारण के पीपराकोठी प्रखंड के सूर्यपुर पंचायत के पडौलिया गांव के रहने वाले हैं. राजेश कुमार फौजी थे, अब रिटायर हो गए हैं. उन्होंने धान-गेहूं जैसी परंपरागत खेती छोड़ दी और पपीता की खेती शुरू की. उन्होंने पपीते की खेती में तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. राजेश कुमार युवा किसानों को पपीता की खेती के तरीके भी सीखा रहे हैं. राजेश कुमार का कहना है कि एक एकड़ में खेती का खर्च 50 हजार रुपए आता है, जबकि एक एकड़ पपीते की खेती से करीब 10-15 लाख रुपए तक की आमदनी हो जाती है. इस पपीते की डिमांड बहुत ज्यादा है. मार्केट में इसकी इतनी मांग है कि उतनी मात्रा में आपूर्ति भी नहीं हो पाती है. राजेश कुमार पिछले 6 साल से पपीता की खेती कर रहे हैं, अब वो खुद ही पपीता की नर्सरी भी तैयार करते हैं. इसके साथ ही दूसरे किसानों को पपीते की खेती का तरीका भी सिखाते हैं.

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