1:59 pm Friday , 18 April 2025
ब्रेकिंग न्यूज़
Samrat

आस्था और विश्वास का प्रतीक बना बाबा मौलेश्वर नाथ मंदिर

सुल्तानपुर। बल्दीराय तहसील क्षेत्र के मिझूटी गांव, महादेवन बाजार में स्थित बाबा मौलेश्वर नाथ मंदिर श्रद्धा और आस्था का केंद्र बना हुआ है। सावन माह में मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, खासकर सोमवार के दिन जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। मान्यता है कि यहां जल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।यह मंदिर 108 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है और इसकी स्थापना ग्यारहवीं शताब्दी में हुई थी। माना जाता है कि यह स्थान मनु और सतरूपा की तपोस्थली रहा है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, यह मंदिर पहले एक बड़े टीले के रूप में था। जब टीले को समतल किया गया, तो उसमें से शिवलिंग प्रकट हुआ, जिसकी पूजा-अर्चना शुरू हुई।

बाद में इसे बाबा मौलेश्वर नाथ मंदिर के नाम से जाना जाने लगा। 1940 ईस्वी में गोकुला गांव निवासी श्रीपाल सिंह ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। मंदिर निर्माण में बाबा राजपाल दास, बाबा ब्रह्मखंड दास और बाबा मनोहर दास ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाबा ब्रह्मखंड दास ने मंदिर परिसर में एक लाख पेड़-पौधे लगवाए थे, जिनकी हरियाली आज भी मंदिर की पवित्रता को बनाए रखती है।मंदिर परिसर में श्री हनुमान, दुर्गा माता, मां लक्ष्मी, गणेश जी और राम-जानकी के मंदिर भी स्थित हैं।मंदिर के बगल में स्थित सागर तालाब में स्नान करने से चर्म रोग दूर होने की मान्यता है।महाशिवरात्रि, दीपावली और मलमास के दौरान यहां विशाल मेला लगता है, जो पूरे एक महीने तक चलता है।विवाह के बाद नई नवेली दुल्हन को घर लाने से पहले इस मंदिर में दर्शन करवाने की परंपरा है।बाबा मौलेश्वर नाथ मंदिर की ख्याति सुल्तानपुर, अमेठी, अयोध्या समेत कई जिलों में फैली हुई है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं।मौजूदा समय में मंदिर की देखरेख पुजारी सीताराम कर रहे हैं। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर मंदिर में विशेष तैयारियां की गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो।

About Samrat 24

Check Also

शिक्षक नेता सुभाष दुबे की स्मृति में काव्य संध्या आज शाम को

आज शाम सात बजे शिक्षक नेता सुभाष दुबे जी की स्मृति में एक काव्य संध्या …