रिपोर्ट (षट्वदन शंखधार)
उत्तर प्रदेश हिन्दी प्रचार समिति की जिला प्रवक्ता प्राची मिश्रा ने आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने विचार रखते हुए कहा कि सदियों से, महिलाएं समान अधिकारों, अवसरों और स्वतंत्रता के लिए लड़ती रही हैं। मताधिकारवादियों से लेकर डिजिटल कार्यकर्ताओं तक, प्रत्येक पीढ़ी ने सीमाओं को आगे बढ़ाया है, बाधाओं को तोड़ा है और पीछे हटने से इनकार किया है। हर नीति परिवर्तन और कानूनी जीत के पीछे निडर नारीवादियों ने संगठित होकर, विरोध प्रदर्शन करके और कार्रवाई की मांग करके काम किया है।
आज दुनिया महिलाओं और लड़कियों के लिए पहले से कहीं ज़्यादा सम्मान है – लेकिन प्रगति अभी भी बहुत धीमी, बहुत कमज़ोर और बहुत असमानता है। हर 10 मिनट में, एक महिला की उसके ही परिवार के किसी सदस्य द्वारा हत्या कर दी जाती है। श्रम बल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व दशकों से अपरिवर्तित रहा है। जलवायु परिवर्तन में महिलाओं और लड़कियों का योगदान सबसे कम है और फिर भी वे सबसे बुरे परिणामों को झेलती हैं। और इस गति से, आज जन्म लेने वाली लड़की को संसद में पुरुषों के बराबर सीटें मिलने में 40 साल लगेंगे। हम सब को आगे आना होगा तभी हमारा विकास संभव है|
