होली में ठिठोली, वृहद काव्य संध्या का हुआ आयोजन
बदायूं – उत्तर प्रदेश हिन्दी प्रचार समिति के बैनर तले वृहद काव्य संध्या का आयोजन पीडब्ल्यूडी गैस्ट हाउस में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्वतंत्र प्रकाश गुप्त राज्य सूचना आयुक्त के द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेन्द्र गुप्ता संगठन सचिव प्रचार समिति ने की । कार्यक्रम का शुभारंभ शृंगार के कवि कुमार आशीष द्वारा मां सरस्वती की वंदना से हुई। समिति उपाध्यक्ष सुरेश चंद्र शर्मा द्वारा मुख्य अतिथि व कवियों को शाल और स्मृति चिन्ह भेंटकर माल्यार्पण करके किया गया।
बिसौली से पधारे हास्य ब्यंग्य कवि डा. सतीश चन्द्र शर्मा सुधांशु ने दोहा पढ़ा
रंग मना लेते अगर,रूठा हो मनमीत।
आता हुनर गुलाल को,पालन करना रीत।।
युवा ग़ज़लकार कुमार आशीष ने पढ़ा
अमन के चैन के दुश्मन बहुत हैं दुनिया में,
खैर करना मेरे परवरदिगार होली में।।
पवन शंखधार ने मुक्तक पढ़ा
कोई खुश हैं यहां पर है कोई गमगीन होली में ।
कोई रंगों से डरता है कोई रंगीन होली में ।।
वो पहले की तरह हमको कहीं गुझिया नहीं मिलती ।
नहीं मिलते वो पापड़ चिप्स औ नमकीन होली में।।
हास्य ब्यंग्य कवि प्रवीन अग्रवाल नादान ने पढ़ा
ना किसी से मिलना जुलना,ना कोई हंसी ठिठोली।
मोबाइल में सिमट रही है,आज के दौर की होली।
षट्वदन शंखधार ने पढ़ा
घिसी पिटी रचनाएं सुनकर मन होता बैचेन |
एक कवि की रचना सुनकर भर आये हैं नैन ||
जोगीरा सर ररर….
चंदौसी से आए राजीव उपाध्याय ने दोहा पढ़ा
दीपक बाती के बिना भवन कहां उजियार।
जो घृत डाले नेह का मिटे सभी अंधियार।।
प्रकृतिवादी कवि जयवीर चंद्रवंशी ने पढ़ा
प्रेम रंग ऐसा लगा, चढ़ा ना दूजा रंग।
तन- मन में चढ़ता गया, तेरो ही सबरंग।
डा. प्रणव शास्त्री ने पढ़ा
होली का त्योहार प्यार का सार करिश्मा बोली का।
गले मिलन का पर्व मिला है होली का।।
इसके अलावा कवियत्री सीमा चौहान , प्रोफेसर प्रवेंद्र वर्मा ने भी काव्य पाठ किया।
कार्यक्रम का संचालन लोकप्रिय कवि पवन शंखधार ने किया। सुरेश चंद्र शर्मा उपाध्यक्ष, काशीनाथ वर्मा अध्यक्ष ने सभी कका माल्यार्पण कर स्मृति चिन्ह शाल ओढ़ाकर स्वागत किया।
इस अवसर पर प्रदीप दुबे, मनोज चंदेल, रचना शंखधार, हरेंद्र यादव , सुरेन्द्र शर्मा, भगवान सिंह हरिओम शर्मा ,गौरव आदि उपस्थित रहे