आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए खुशखबरी आने वाले कुछ दिनों में सरकार इनकी सीधी भर्ती कर निजी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाऐगी। इससे कर्मचारियों को पूरा मानदेय 16 हजार मिल सकेगा। प्रदेश के सरकारी विभागों से आउटसोर्सिंग कंपनियां जल्द बाहर होंगी। राज्य सरकार की ओर से आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती कॉर्पोरेशन बनाने के लिए तैयार किए गए प्रस्ताव को शीघ्र मंजूरी मिलने की संभावना है।
शासन के अधिकारियों का कहना है कि सरकार खुद आउटसोर्स से भर्तियां करेगी, तो इससे भर्तियों के नाम पर कर्मचारियों के शोषण पर रोक लगेगी। सरकार की ओर से कर्मियों के खाते में सीधे वेतन भेजा जाएगा। कर्मियों को न्यूनतम मानदेय 16 हजार रुपये रहेगा। उन्हें भविष्य निधि की सुविधा भी दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती कॉर्पोरेशन बनाने और उसके कामकाज का पहला ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इसमें नियुक्ति और कार्मिक विभाग समेत बड़े विभागों से निगम के गठन, कर्मचारियों की सेवा शर्तों और वेतन-भत्तों के साथ सुविधाओं को लेकर सुझाव शामिल किए गए हैं।
पिछले कैबिनेट की बैठक में आउटसोर्स कर्मियों के लिए निगम बनाने के निर्णय को मंजूरी दी जा चुकी है। सरकार की कोशिश है कि योग्यता व पात्रता के आधार पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से संविदा कर्मियों की भर्ती की जाए। साथ ही भर्ती में आरक्षण का लाभ भी दिया जाए। मालूम हो कि इस बारे में श्रम एवं सेवायोजन, समन्वय विभाग के मंत्री अनिल राजभर ने विधानसभा में बयान दिया था कि जेम पोर्टल से आउटसोर्सिंग पर रखे जाने वाले संविदा कर्मियों की भर्ती की प्रक्रिया से बिचौलियों की भूमिका खत्म की जाएगी।