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उझानी फर्जी आधार कार्ड केस- पॉलीटेक्निक छात्र निकला मास्टरमाइंड, गिरफ्तार

बदांयू 18 अप्रैल।

संभल पुलिस ने उझानी के फर्जी आधार कार्ड गिरोह के लिए पोर्टल बनाने वाले हरदोई के पॉलीटेक्निक छात्र को गिरफ्तार किया है। आरोपी चैटजीपीटी से कोडिंग सीखकर फर्जी वेबसाइट बनाता था। इसके बाद उझानी के गिरोह को बेचता था। पुलिस को पूछताछ में कई और लोगों के नाम भी मिले हैं। संभल पुलिस जल्द ही इन घटनाओं में जुड़े जिले के कुछ ओर लोगों की गिरफ्तारी कर सकती है। पॉलीटेक्निक छात्र हरदोई के थाना सुरसा के गांव गुरेही निवासी प्रियांशु तिवारी (20) को बुधवार को संभल पुलिस ने हरदोई से गिरफ्तार कर लिया।

संभल एएसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि आरोपी छात्र आधारकार्ड संबंधी उपकरणों को मोडिफाई कर व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर आधार के मूल डेटाबेस में फर्जी व गैर कानूनी बदलाव करने के लिए काम करता था। साथ ही आधार, जन्म प्रमाण पत्र व पासपोर्ट संबंधित बदलाव के लिए पोर्टल बनाकर इन लोगों को उपलब्ध कराता था।
आरोपी ने बताया
दो वर्ष पहले आधारकार्ड सेंटर पर भी कार्य किया था और यहीं से उसे यह सभी जानकारी हो गई थी कि आधार कार्ड में फर्जी तरीके से बदलाव कैसे किए जाने हैं। इसके बाद बदलाव कराने वाले लोगों से संपर्क भी हो गया। इसके बाद पोर्टल बनाकर बेचे भी हैं।

एएसपी ने बताया कि गिरोह से बातचीत मैसेज के माध्यम से होती थी। आरोपी छात्र के मुताबिक बेवसाइट व पोर्टल के लिए एक कोड के डिजायन की कीमत उसे दो हजार से चार हजार रुपये तक मिलती थी। इस लालच में लगातार लोगों की मांग पर पोर्टल बनाकर देता रहा। एएसपी ने बताया कि आरोपी ने कई लोगों के बारे में जानकारी भी दी है। उनकी भी छानबीन की जाएगी।

एएसपी ने बताया कि आधारकार्ड में फर्जी तरीके से संशोधन कर आयु कम करने वाले गिरोह के चार सदस्यों जिला बदायूं के थाना उझानी के गांव अढौली निवासी आशीष समेत वैनी नगला निवासी धर्मेंद्र, निजामपुर निवासी रौनक व दिल्ली के तिमारपुर के बजीराबाद निवासी कासिम को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

एएसपी के मुताबिक आरोपी छात्र ने बताया कि उसने ही फर्जी आधारकार्ड बनाकर आयु संशोधन करने वाले गिरोह के सदस्य आशीष को आधारकार्ड, जन्म प्रमाण पत्र व पासपोर्ट के पोर्टल बनाकर दिए थे। उसने बताया कि, इसे हमारी भाषा में प्रिंट पोर्टल कहा जाता है।

इन पोर्टल के माध्यम से ये लोग फर्जी अभिलेख तैयार करके सेव कर लेते थे और जरूरत पड़ने पर आधारकार्ड में बदलाव कर लेते थे। छात्र का कहना था कि करीब 3 वर्ष से वह यह कार्य कर रहा है। साथ ही अलग पहचान बनाने के लिए उसने अपने ग्रुप को तिवारी सोल्यूशन का नाम दे रहा था। उसने ही आशीष समेत रौनक, धर्मेंद्र व कासिम को इनकी डिमांड पर पोर्टल बनाकर दिए थे।

ज्ञात रहे कि पंचम सिंह के दो आधारकार्ड सामने आने के बाद शिकायत पर एक मामला दर्ज किया गया था। इसमें थाना धनारी के निवासी विनोद ने उसके मरणासन्न बेटे के नाम से धोखाधड़ी करके ट्रैक्टर खरीदा था। कुछ समय बाद बेटे की मौत हो जाने पर गैर कानूनी तरीके से ट्रैक्टर बेच दिया था।
विनोद ने अपने पिता पंचम सिंह के फर्जी तरीके से दो आधारकार्ड बनवाकर 21 वर्ष आयु कम कर विनोद ने इससे पीएमजेजेवाई योजना की पॉलिसी कराकर लाभ ले लिया था। एएसपी ने बताया कि मामला गंभीर है पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है अभी जिले में कुछ ओर गिरफ्तारी होने से इंकार नहीं किया जा सकता।

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