बदांयू 21 अप्रैल। सरकार ने अब यातायात नियमों में कुछ बदलाव के संकेत दिए हैं। अगर किसा वाहन का गलत ई-चालान हो गया है तो परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। गलत चालान का सबूत देने पर यह निरस्त कर दिया जाएगा। डीटीसी (अपर परिवहन आयुक्त) को इसका अधिकार दिया गया है। वह आरटीओ व एआरटीओ की आख्या पर चालान निरस्त करेंगे। अभी तक ई-चालान निरस्त करने का अधिकार केवल टीसी (परिवहन आयुक्त) के पास था।
कई बार वाहन स्वामियों का गलत चालान हो जाता है। स्थानीय अधिकारी इसे रद्द करने का अधिकार परिवहन आयुक्त के पास होने की बात कह पल्ला झाड़ लेते थे। अब परिवहन विभाग ने व्यवस्था में परिवर्तन किया है। गलत ई-चालान की शिकायत आने पर समिति अपने स्तर पर जांच करेगी। यदि प्रवर्तन अधिकारी ने गलत ई-चालान किया है तो उसे संशोधित करेंगे। गलत जुर्माना लगाया गया है तो उसमें सुधार करेंगे। परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने आदेश जारी करते हुए इसे तत्काल अमल में लाने का निर्देश दिया है।
वहीं एक समिति बनाने का भी आदेश दिया है कि
उप परिवहन आयुक्त समिति के अध्यक्ष होंगे।
संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) व
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्राविधिक) इस समिति के होंगे।
परिवहन आयुक्त ने माना कि गलत चालान के मामलों में अक्सर वाहन स्वामी का नाम, नंबर व मॉडल गलत डाल देते हैं। ओवरलोडिंग से बचने के लिए ट्रक चालक दूसरे वाहनों का नंबर लिखते हैं, जिससे चालान होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई न हो। जब वाहन स्वामी संबंधित वाहनों को लेकर परिवहन कार्यालय पहुंचते हैं तो मालूम चलता है कि इन पर ओवरलोडिंग या किसी अन्य आरोप में नंबर को ब्लाक किया गया है। यही विवाद की वजह बनते हैं। अब वाहन स्वामियों को जिले का नाम, चालान अधिकारी का नाम, चालान संख्या, चालान तिथि, वाहन के प्रकार, चालान का कारण लिखकर पूरी रिपोर्ट बनाने के साथ ई-मेल के जरिये आईटी सेल को भेजना होगा। वहां से ई-चालान में संशोधन करने का अप्रूवल मिल जाएगा। स्थानीय समिति इसकी जांच कर गलत पाऐ जाने पर इसको निरस्त कर सकती है।