बदायूं 21 अप्रैल। जाम की समस्या से आम आदमी को निजात दिलाने और शहरों का यातायात सुगम बनाने के लिए ई रिक्शा और अन्य चौपहिया वाहनों का सत्यापन जिले भर में अभियान चलाकर हुआ था। सत्यापन के बाद यातायात महकमे ने जिले से प्रमाणपत्र शासन को भेजा था कि अब शहर व कस्बों में कोई भी नाबालिग चालक वाहनों का संचालन नहीं कर रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। अभियान समाप्त होते ही जिला प्रशासन की ऑल इज वेल यातायात व्यवस्था को धता बताते हुए फिर से नाबालिग चालक ई रिक्शा लेकर फर्राटा भरने लगे है। जिससे न सिर्फ शहर और कस्बों की यातायात व्यवस्था को ग्रहण लगने लगा है, बल्कि दुर्घटनाओं की आशंका एक बार फिर से बढ़ गई है।
शासन ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा था कि छह अप्रैल से 10 अप्रैल तक जिले के सभी क्षेत्रों में अभियान चलाकर यह सुनिश्चित करें कि शहर और कस्बों में कोई भी नाबालिग वाहनों का संचालन तो नहीं कर रहा है। आदेश में खासकर ई रिक्शा के सत्यापन में एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए थे। इस आशय का प्रमाणपत्र भी जारी करने को कहा था कि अब क्षेत्र में कोई भी नाबालिग रिक्शा व अन्य वाहनों का संचालन नहीं कर रहा है।
शासन के आदेश पर पूरे जिले में जोर-शोर से 10 अप्रैल तक अभियान चला। कई वाहनों का चालान हुआ। जिले के सभी थानों ने ऑल इज वेल बताते हुए अपने अपने क्षेत्र में किसी भी नाबालिग द्वारा वाहनों का संचालन न करने का प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया। लेकिन अभियान के एक सप्ताह बीतने के बाद फिर से शहर और कस्बों की यातायात व्यवस्था पुराने ढर्रे पर दिख रही है। नाबालिग धड़ल्ले से ई रिक्शा व अन्य तिपहिया वाहनों का संचालन करते दिख रहे है।