भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री श्री सुनील बंसल ने किया उद्घाटन, केंद्रीय मंत्री श्री बी.एल. वर्मा की अगुवाई में कार्यक्रम सम्पन्न
बदायूं, 27 अप्रैल 2025: बदायूं की धरती आज एक ऐतिहासिक पल की साक्षी बनी, जब शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक समानता और आत्मनिर्भरता को सशक्त करने हेतु नि:शुल्क लोधी छात्रावास, कोचिंग एवं काउंसलिंग सेंटर का भव्य शुभारंभ हुआ। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री श्री सुनील बंसल जी ने इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्घाटन किया, जबकि संपूर्ण आयोजन केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा जी की सक्रिय अगुवाई और नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।
यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मूल मंत्र का प्रत्यक्ष उदाहरण है, जिसमें अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी मुख्य धारा से जोड़ने का संकल्प निहित है।
उम्मीदों के नए द्वार खुले
कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हजारों लोगों की आँखों में आशा की चमक थी। साधारण से परिवारों के होनहार बच्चे, जिनके सपनों को अब तक संसाधनों की कमी रोकती रही थी, आज उन्हें लगा कि उनके सपनों को भी उड़ान मिलेगी। श्री सुनील बंसल जी ने अपने संबोधन में कहा: “आज बदायूं को जो सौगात मिली है, वह केवल एक भवन नहीं, बल्कि हजारों भविष्यों के लिए संजीवनी है। जब समाज के हर तबके के बच्चे को बराबर का अवसर मिलेगा, तभी भारत सशक्त बनेगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह सेंटर केवल लोधी समाज के नहीं, बल्कि सर्वसमाज के विद्यार्थियों के लिए है, जो योग्यता के आधार पर चयनित होंगे और नि:शुल्क रहकर उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करेंगे।
विश्वस्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित
यह छात्रावास अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है —
– वातानुकूलित अध्ययन कक्ष
– हाई-स्पीड इंटरनेट युक्त स्मार्ट क्लासरूम
– अत्याधुनिक ई-लाइब्रेरी और डिजिटल संसाधन
– UPSC, SSC, NEET, JEE जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा कोचिंग
– व्यक्तिगत और समूह कैरियर काउंसलिंग सत्र
– इंटरव्यू और ग्रुप डिस्कशन प्रैक्टिस
– इन-हाउस मेस, ओपन जिम, हरित पार्क और 24×7 CCTV सुरक्षा प्रणाली
संपूर्ण परिसर इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि विद्यार्थियों को दिल्ली जैसी सुविधाएं अपने ही जिले में मिल सकें।
### श्री बी.एल. वर्मा का संकल्प
श्री बी.एल. वर्मा जी ने कार्यक्रम में गहरी भावुकता के साथ कहा: *”यह छात्रावास उन युवाओं के सपनों की नींव है, जो अब तक अवसरों की कमी से पीछे रह जाते थे। मैंने ठान लिया था कि बदायूं के होनहार बच्चों को भी बड़े शहरों के बराबर अवसर मिलें। यह सपना आज सच हुआ है।”
उन्होंने कहा कि अब कोई भी बच्चा संसाधनों के अभाव में अपने सपनों को अधूरा नहीं छोड़ेगा। सरकार और समाज दोनों का दायित्व है कि योग्य और मेहनती विद्यार्थियों को हर संभव सहायता मिले।
बदायूं से भारत के भविष्य की ओर
यह छात्रावास केवल एक परियोजना नहीं है, यह एक आंदोलन है — सामाजिक न्याय, समान अवसर और आत्मनिर्भर भारत के सपनों को ज़मीन पर उतारने का। यह कदम दर्शाता है कि जब नेतृत्व में दृढ़ इच्छाशक्ति हो और नीति में जनकल्याण का भाव हो, तो असंभव भी संभव बन सकता है।
शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि भविष्य बदलने का साधन है। — इस मंत्र को आत्मसात करते हुए बदायूं के बच्चे अब देश के शीर्ष संस्थानों में स्थान बनाएंगे और भारत को एक सशक्त राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ाएंगे।
केंद्रीय मंत्री श्री बी.एल वर्मा जी ने कहा कि हमारे पूर्व वक्ताओं ने मेरा रास्ता बहुत आसान कर दिया है। मैं यह कहना चाहता हूं कि बदायूं की जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया है। सभी समाज के लोगों ने हमें आशीर्वाद दिया है। भारतीय जनता पार्टी के सिर्ष नेतृत्व ने मुझे आशीर्वाद दिया है मुझे लगता है आशीर्वाद बी एल वर्मा को नही है बदायूँ के एक एक नागरिक के लिए समाज के लिए समाज के लिए दिया है।
मुझे कभी चुनाव लड़ने का अवसर तो नहीं मिला। लेकिन पार्टी में विभिन्न पदों पर पार्टी में काम करते हुए बिना मांगे मुंझे कभी पता भी नही चला चाहे सरकार का उत्तर प्रदेश बनने के बाद, या दो दो बार मंत्री बनने के बात हो, लेकिन ये संगठन का आशीर्वाद है। ये आशीर्वाद मुझे अकेले अपने हाथों से नहीं मिला। यह आशीर्वाद मेरे लिए नहीं है, यह आशीर्वाद सबके लिए है।
अगर मुझे कुछ फ़ैसले लेने हैं तो मैं आँखें बंद करके लूँगा। लेकिन 36 साल से मैं बाबूजी के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा हूँ। गुरु अर्श के बारे में मुझे कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है। मैंने इस संस्था को इतना बड़ा बनाने के लिए अपना कर्तव्य निभाया है। मैं इसका श्रेय बाबूजी को दूंगा। मैंने अपने आप को समाज के लिए समर्पित कर दिया है। और मैंने तय किया है कि मैं इस संस्था को इसके मूल स्वरूप में ही चलाना चाहता हूँ।
मुझे पंडित मदनमोहन मालवीय जी की याद आई। उन्होंने लोगों के सहयोग से बनारस में त्रिमुरी संस्था की स्थापना की थी। उस समय मुझे लगा कि मैं ये काम नहीं कर सकता। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि समाज के 10-12% लोग मेरा साथ देंगे। लेकिन मेरे साथियों का साथ और दूसरे समाजों का साथ और श्री श्रीनिवासन जैसे लोगों का साथ, जो संस्था के संस्थापक हैं, जो एक कलाकार हैं, जिन्होंने हमें वो रास्ता सिखाया है, जहाँ कम है, वहाँ ज़्यादा है।
मैंने एक भी दिन रुकने नहीं दिया। अगर मैंने दो घंटे का भाषण दिया है तो उसका श्रेय मैं 10-12% समाज के छात्रों को दूंगा। आप सब जा सकते हैं। इसके बाद हम एक-एक करके देखेंगे। फिर मैं ईमानदारी से कहना चाहता हूँ कि असली छात्र सिर्फ़ ईंट, कंक्रीट, सीमेंट नहीं होते। इसमें कई लोगों की भावनाएँ होती हैं। बहुत लोगों का सहयोग मिल रहा है।
मैंने लगातार ऐसा करने के लिए कोई समझौता नहीं किया है। मेरे सभी साथी यहाँ बैठे हैं। मैंने मुखर्जी नगर की एक अच्छी कोचिंग देखी है। सुबह से शाम तक मेरे पैर थक गए। मुझे और दिखाओ, मुझे और दिखाओ, मुझे और दिखाओ। अच्छी कोचिंग से छुटकारा पाकर मैंने छात्रों को सुलाने का काम किया, जो मैं इस तरह से नहीं करना चाहता।
आज मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि अगर आप मुखर्जी नगर चले जाएं, या कोटा चले जाएं, या कहीं और चले जाएं, तो आपको छत्राबाद में वो सारी सुविधाएँ नहीं मिलेंगी जो मैंने आपको देने की कोशिश की है। कुछ दिन पहले हमारे कुछ सीनियर DM, हमारे SP, SPCT, MDM आए थे। उन्होंने किताबें देखीं और कहा, ऐसी किताबें लखनऊ में नहीं पढ़ी गईं। आपने इन्हें कैसे इकट्ठा किया? हमारे अधिकारियों ने भी कहा, अगर हम ये किताबें पढ़ेंगे तो कोई भी इस प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाएगा।
छात्रावास में मेरे मन में विचार आया। मैं यहाँ से करीब 35-37 किलोमीटर दूर एक गाँव में हूँ। मध्य प्रदेश के मध्य में बुजानी ब्लॉक में। जब मैं छठी कक्षा में दाखिल हुआ तो पिताजी ने मेरा दाखिला कचला प्रिंट एंड कॉलेज में करवा दिया। मैं बुजानी आना चाहता था। बच्चों ने मुझसे कहा कि हमने तुम्हारा दाखिला कचला में करवा दिया है, क्योंकि कचला 15 किलोमीटर दूर है और बुजानी 20 किलोमीटर दूर है। पैदल जाओगे तो 5 किलोमीटर से भी कम दूरी पड़ेगी। मेरे पिताजी 5 किलोमीटर को लेकर चिंतित थे, इसलिए उन्होंने मुझे कछला में भर्ती करवा दिया। मुझे 15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।
यह काली सड़कें नहीं थीं, ये रेत की सड़कें थीं। ये रेल पत्थर पर चलती थी। मैं अपने साथियों से कहना चाहता हूँ, मैंने जो तकलीफें झेलीं, जो परेशानियाँ झेलीं, वो एक सपना है। वैराग शक्तियों के लिए, यह एक सपना था। लेकिन मरीन के लिए, यह एक सपना था। तो मेरे कितने सपने पूरे हुए, तो मेरे कितने सपने पूरे हुए। इसके साथ ही मैंने ख़तरा बार स्टिल शुरू कर दिया, मेरे साथियों ने बताया कि मैं 48 घंटे बच्चों के साथ बैठ रहा हूँ, सुबह 9 बजे से ही छात्रों के साथ क्लास ले रहा हूँ, छात्रों की काउंसलिंग कर रहा हूँ, ऑनलाइन क्लास दे रहा हूँ।
मैं छात्रों को प्रेरित कर रहा हूं। मैं कर्मचारियों के साथ काम कर रहा हूं। कार्यक्रम सुबह 8 बजे शुरू हुआ। सुबह 9 बजे कार्यक्रम शुरू हुआ। शाम को 11 या 12 बजे कार्यक्रम शुरू हुआ। तो मैं मेरे भाइयों-बहनों से कहना चाहूँगा कि इस छात्र आंदोलन के लिए मैंने बहुत ईमानदारी से, लगन से काम किया है, ताकि छात्रों के लिए एक मील का पत्थर बने और वो छत्र भाट बन सकें। इसी भावना और उत्साह के साथ मैंने काम किया है। कर्मचारियों को मेरी बधाई। मैंने उन्हें भरोसा दिया है कि अगर हमें समय मिला तो हम छात्रों को प्रेरित करने के लिए आएंगे।
भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री श्री सुनील बसंल जी ने कहा कि सबसे पहले, मैं आज के इस प्रकल्प के उद्घाटन के लिए, इस सेवा के कार्य की शुरुआत के लिए श्री बी. एल. वर्मा जी को अपनी ओर से बहुत-बहुत शुभकामनाएँ एवं धन्यवाद देता हूँ। वास्तव में, उन्होंने राजनीति में काम करने वाले सभी लोगों को एक प्रेरणा देने का कार्य किया है। माननीय प्रधानमंत्री जी से जब कभी भी चर्चा होती है, तो वह एक शब्द हमेशा कहते हैं कि “हम राजनीति में सेवा करने के लिए आए हैं।” राजनीति में आने के बाद जनता की समस्याओं का समाधान करना, विकास के कार्य करना, जनकल्याण के कार्य करना — यह सब जनप्रतिनिधियों का कार्य होता है। लेकिन राजनीति में रहते हुए समाज के लिए सेवा के कुछ कार्य करना, उसके लिए आज बी. एल. वर्मा जी ने हम सबके सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
ऐसे सभी छात्रों के लिए, जिनके पास प्रतिभा है लेकिन साधन नहीं हैं, जिनके पास प्रतिभा है लेकिन अवसर नहीं हैं — समाज के उन सभी लोगों के लिए यह छात्रावास और यह लाइब्रेरी, जो आज उन्होंने यहाँ प्रारंभ की है, भविष्य में ऐसे और भी कई प्रकल्पों के रूप में सेवा के कार्य प्रारंभ होंगे। आज माननीय साक्षी जी ने भी कहा है कि यह एक शुरुआत है, और साक्षी महाराज जी के अगले कार्यक्रम में हम सब लोग मिलेंगे, जब वे भी सेवा के एक प्रकल्प का उद्घाटन करेंगे।
मेरा मानना है कि राजनीति में काम करने वाले सभी लोगों को अपने जीवनकाल में कोई न कोई सेवा का कार्य अवश्य करना चाहिए, चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में हो या स्वास्थ्य के क्षेत्र में। मैं ऐसे बहुत से लोगों को जानता हूँ जिन्होंने अपने जीवन में इस प्रकार के कई सेवा कार्य प्रारंभ किए हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित राष्ट्रीय महामंत्री भाजपा श्री सुनील वंसल जी, केंद्रीय राज्यमंत्री वी.एल. वर्मा जी सांसद / महामंडलेश्वर स्वामी साक्षी महाराज, मंत्री जी, पशुधन एवं दुग्ध विकास धर्मपाल सिंह जी, क्षेत्रीय अध्यक्ष भाजपा, बृजक्षेत्र दुर्विजय शाक्य जी, चेयरमैन, सिडको श्री वाईए पी. दिह जी, प्रदेश महासचिव भाजपा डी.पी. भारती जी, जिलाध्यक्ष भाजपा, बदायूं राजीव कुमार गुप्ता , सदर विधायक / पूर्व राज्यमंत्री, उ०प्र० श्री महेश चंद्र गुप्ता जी, विधायक, दातागंज राजीव कुमार सिंह , विधायक, बिल्सी हरीश शाक्य , सदस्य विधान परिषद वागीश पाठक , विधायक, जलालाबाद, शाहजहांपुर हरिप्रकाश वर्मा , सदर विधायक, एटा विपिन कुमार डेविड जी, विधायक, मीरगंज, बरेली डा. डी.सी. वर्मा , सदस्य विधान परिषद वहोस लाल मेष , अध्यक्ष, जिला पंचायत, बदायूं वर्षा यादव , एम०एल०सी०, बरेली कुँवर महाराज सिंह , जिलाध्यक्ष, लोधी क्षत्रिय महासभा, बदायूं नत्थूलाल वर्मा , चेयरमैन, उपभोक्ता भंडार श्री प्रभात राजपूत, युवा भाजपा नेता हर्षवर्धन राजपूत जी, 21 अकादमी अन्नख लाल लिलार, रभान , संजीव तिवारी सहित 10 हजार से अधिक लोग उपस्थित रहे।